ayodhya ram mandir No Further a Mystery
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त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
गवालिन मस्तानी, गवालिन दीवानी
मेरे नटवर नन्द किशोर प्यारे आ जाओ माखन चोर
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥ सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
मेरो कहा तुम एको नहीं मानत
मन्दिर मे रहते हो भगवन, कभी बाहर भी आया जाया करो
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक aigiri nandini होम करावे॥
लागी लगन मत तोडना, प्यारे लागी लगन मत तोडना